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SIP में निवेश कैसे करें? | नए निवेशकों के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

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Simran

7 April 2025
SIP में निवेश कैसे करें? | नए निवेशकों के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

आज के दौर में जब फाइनेंशियल प्लानिंग एक ज़रूरत बन चुकी है, अगर आप निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं और समझ नहीं आ रहा कि कहां से शुरू करें, तो SIP आपके लिए सबसे आसान और स्मार्ट तरीका है।

अगर आप निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं लेकिन शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड या रिस्क की टेंशन से घबराते हैं, तो SIP आपके लिए परफेक्ट है। SIP आपको एक साथ बड़ी रकम लगाने की टेंशन से बचाता है और छोटी-छोटी किश्तों में बड़ा फंड बनाने में मदद करता है।

ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बताएंगे की SIP कैसे काम करता है, इसे कैसे शुरू करें, कौन सा फंड चुनें, कितनी राशि लगाएं, और कैसे अपने निवेश को ट्रैक करें।

SIP क्या है?

SIP मतलब Systematic Investment Plan, म्यूचुअल फंड में निवेश करने का एक स्मार्ट और आसान तरीका है। इसमें आप हर महीने एक तय रकम निवेश करते हैं, ठीक वैसे जैसे EMI भरते हो, लेकिन ये EMI आपके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए होती है।

जैसे आप हर महीने मोबाइल रिचार्ज करते हैं, वैसे ही SIP में आप हर महीने अपने फाइनेंशियल फ्यूचर में रिचार्ज करते हैं। ये एक स्मार्ट तरीका है लंबी अवधि में वेल्थ बनाने का बिना एक साथ बड़ी रकम इन्वेस्ट किये।

SIP कैसे काम करता है?

  1. जब आप SIP शुरू करते है तो आपके द्वारा तय की गयी राशि आपके बैंक अकाउंट से कट जाती है, जैसे ₹500, ₹1000 या ₹2000 प्रति माह।

  2. हर म्यूचुअल फंड की एक NAV (Net Asset Value) होती है, जो रोज़ बदलती है। अगर NAV ₹50 है और आपने ₹1000 लगाए, तो आपको 20 यूनिट्स मिलेंगी।

  3. जैसे-जैसे मार्केट ग्रो करता है, वैसे-वैसे आपकी खरीदी गई यूनिट्स की वैल्यू भी बढ़ती है।

  4. अपने जो पैसे इन्वेस्ट किये है वो धीरे धीरे समय के साथ बढ़ता रहता है (कंपाउंडिंग + मार्केट ग्रोथ से)

उदाहरण:

अगर आप ₹2000 SIP में हर महीने इन्वेस्ट करते है, और औसतन 12% सालाना रिटर्न मिलता है:

समय अवधि कुल निवेश अनुमानित वैल्यू
5 साल ₹1.2 लाख ₹1.6–1.7 लाख
10 साल ₹2.4 लाख ₹4–4.5 लाख
20 साल ₹4.8 लाख 15–17 लाख

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SIP क्यों करें?

  • आप ₹100 या ₹500 जैसी छोटी राशि से भी SIP शुरू कर सकते हैं।

  • हर महीने की छोटी बचत, Power of Compounding से सालों में लाखों-करोड़ों में बदल सकती है।

  • SIP में हर महीने निवेश होता है, तो Market Timing की जरूरत नहीं।

  • चाहे वो रिटायरमेंट हो, बच्चों की पढ़ाई या अपना घर, SIP से आप हर फाइनेंशियल गोल के लिए अलग प्लान बना सकते हैं।

  • ELSS SIP के ज़रिए आप सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं।

  • SIP इसलिए करना चाहिए क्योंकि ये आपको धीरे-धीरे फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर ले जाता है।

SIP के फायदे

  1. आप छोटी इन्वेस्टमेंट से SIP की शुरुआत कर सकते है।

  2. SIP में इन्वेस्ट करके आप compounding का भी लाभ उठा सकते है। जिनते ज्यादा समय तक आप इन्वेस्ट करते है, आपको उतना ज्यादा return मिलता है।

  3. जब आप SIP करते है तो अगर मार्किट में गिरावट आये तो आप तुरंत SIP रोक सकते है।

  4. SIP के ज़रिए आप टैक्स बचा सकते हैं।

  5. SIP में इन्वेस्ट करने से फाइनेंशियल डिसिप्लिन डेवलप होता है।

SIP के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स

SIP शुरू करने के लिए बहुत ज्यादा कागज़ी काम नहीं होता, लेकिन कुछ बेसिक KYC डॉक्युमेंट्स जरूरी होते हैं।

  • पैन कार्ड
  • आधार कार्ड
  • बैंक खाता डिटेल्स
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो

SIP निवेश कैसे शुरू करें?

  1. SIP में इन्वेस्ट करने के लिए एक राशि तय करें, आप ₹500 से भी SIP शुरू कर सकते हैं।
    शुरुआत में कम रखें, और धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।

  2. SIP शुरू करने से पहले KYC जरूरी है। आप आधार + पैन कार्ड से ऑनलाइन e-KYC भी कर सकते हैं।

  3. सही म्यूचुअल फंड चुनें। fund सलेक्ट करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखे जैसे, फंड का पिछले प्रदर्शन, रिस्क लेवल और किस कैटेगरी का है।

  4. SIP के लिए वह डेट चुने जो सैलरी मिलने के बाद आती है, ताकि आप आसानी से हर महीने SIP कर सके।

  5. अपने बैंक अकाउंट को लिंक करें और SIP को Auto-Debit मोड पर डाल दें। इससे बिना भूले हर महीने आपके बैंक से तय की गयी राशि इन्वेस्ट होती रहेगी।

  6. हर 6 महीने में या साल भर में SIP की performance देखे, और जरुरत पड़ने पर इससे बढ़ाए या इसमें बदलाव करे।

SIP के प्रकार

1. रेगुलर SIP: यह सबसे आम और पॉपुलर विकल्प होता है, जिसमे हर महीने एक फिक्स्ड राशि इन्वेस्ट की जाती है। ये ऑटो-डेबिट के ज़रिए हर महीने एक तय तारीख को कटता है।

2. फ्लेक्सिबल SIP: इसमें आप अपनी सुविधा के हिसाब से हर महीने अलग-अलग रकम निवेश कर सकते हैं। मार्किट कंडीशन के अनुसार आप इन्वेस्टमेंट को घटा या बढ़ा सकते है। यह खास कर उन लोगो को लिए है, जिनकी इनकम फिक्स्ड नहीं है।

3. टॉप-अप SIP: इसमें आप हर साल या तय समय के बाद अपनी SIP राशि बढ़ा सकते हैं। जब आपको एक्स्ट्रा सेविंग हो तो आप SIP अमाउंट को बढ़ा सकते है,और कंपाउंडिंग का फायदा और ज्यादा मिलता है।

4. स्टेप-अप SIP: इसमें आप हर साल अपने SIP अमाउंट को एक निश्चित % से बढ़ाया जाता है (जैसे हर साल 10% इनक्रीमेंट), सैलरी बढ़ने के साथ-साथ इन्वेस्टमेंट भी बढ़ जाता है।

5. परपेचुअल SIP: इसमें कोई फिक्स्ड टेन्योर नहीं होता है, आप जब तक कही इन्वेस्टमेंट कर सकते है। यह रिटायरमेंट प्लानिंग या बच्चों के फ्यूचर के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।

6. एक्सपेंस-ट्रैकर SIP: इसमें SIP अमाउंट को अपने महीने के खर्चों से जोड़ा जाता है। जैसे-जैसे खर्चे कम होते हैं, SIP बढ़ाया जाता है। यह फाइनेंशियल डिसिप्लिन बनने में मदद करता है।

7. मल्टी SIP: इसमें एक ही समय पर अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स में SIP चलाया जा सकता है। इस SIP में डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है और रिस्क कम होता है क्योंकि पैसा एक ही फंड में नहीं लगा होता।

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SIP में कितना रिटर्न मिलता है?

SIP किसी बैंक FD की तरह फिक्स्ड रिटर्न नहीं देती। यह मार्केट से जुड़ी होती है, इसलिए इसका रिटर्न फ्लेक्सिबल होता है।

आमतौर पर SIP से मिलने वाला एवरेज रिटर्न:

म्यूचुअल फंड टाइप अनुमानित वार्षिक रिटर्न
Large Cap Funds 10% – 12%
Mid Cap Funds 12% – 15%
Small Cap Funds 14% – 18%
ELSS Funds 12% – 14%
Hybrid Funds 8% – 10%

निष्कर्ष

SIP में निवेश करना एक discipline है, न कि जुआ। यह आपको धीरे-धीरे फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर ले जाता है चाहें आप नए निवेशक हों या अनुभवी, SIP आपको छोटी बचत से शुरुआत करके लंबी अवधि में मजबूत धन निर्माण करने में मदद करता है। हर व्यक्ति की इनकम, गोल, और फाइनेंशियल स्थिति अलग होती है। कोई रेगुलर निवेश करना चाहता है, कोई लचीलापन चाहता है, और कोई हर साल निवेश बढ़ाना चाहता है। इसीलिए SIP के प्रकार आपको यह आज़ादी देते हैं कि आप अपने पैसे को अपने हिसाब से बढ़ा सकें।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. SIP का फुल फॉर्म क्या है?

SIP का फुल फॉर्म Systematic Investment Plan है।

Q2. SIP और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है?

म्यूचुअल फंड एक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है, जबकि SIP उसमें इन्वेस्ट करने का तरीका है। यानी SIP, म्यूचुअल फंड में निवेश करने की एक योजना है।

Q3. मुझे SIP में कब इन्वेस्ट करना शुरू करना चाहिए?

जितना जल्दी हो सके आपको SIP इन्वेस्ट करना शुरू करना चाहिए, खासकर जब आप कमाई करना शुरू करते है तो आपको सिप शुरू करनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लाभ उठा सके।

Q4. मैं किसी भी समय SIP निकल सकता/सकती हूँ?

हाँ, आप किसी भी समय अपना SIP बंद (Stop) या रोक (Pause) कर सकते हैं, हालांकि आमतौर पर अपने निवेश को वापस लेने की सलाह नहीं दी जाती है, लेकिन यह सुविधा तब उपयोगी हो सकती है जब आपको तत्काल फंड की आवश्यकता हो या फंड कम निष्पादन कर रहा हो।

Q5. क्या SIP टैक्स फ्री है?

SIP टैक्स फ्री नहीं होती, लेकिन अगर आप ELSS (Equity Linked Savings Scheme) फंड में SIP करते हैं, तो आप धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट पा सकते हैं।

Q6. SIP में पैसे कहां जाते हैं?

SIP के ज़रिए आपका पैसा म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा शेयर बाजार, डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स या अन्य एसेट्स में इन्वेस्ट किया जाता है।

Q7. क्या SIP में रिस्क होता है?

हां, SIP मार्केट से जुड़ा होता है, इसलिए कुछ रिस्क होता है। लेकिन लॉन्ग टर्म में SIP से रिटर्न का औसत बेहतर होता है, और रिस्क कम हो जाता है।

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